----ओस की बूंद सी----
ओस की बूंद होती है बेटी,
मासूम सी प्यारी नन्ही कली
मन मैं ना हो कोई सवाल
हर पल रखे सब का ख्याल
फिर भी क्यों नही सब को लगती अपनी
ओस की बूंद सी .........
माँ ना दे लाड़ उस को
बाप न रखे सिर पर हाथ
दादी भी नही देती उस को लोरी
नानी की कहानी सुनती चोरी चोरी
ओस की बूंद सी होती है बेटी .........
Jun 16, 2008
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